भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई 2025) को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने पत्र में धनखड़ जी ने संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार यह निर्णय लेने की बात कही है।
क्यों दिया इस्तीफा?
धनखड़ जी ने अपने इस्तीफे के पीछे मुख्य रूप से स्वास्थ्य संबंधी कारण बताए हैं। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यह निर्णय चिकित्सकों की सलाह पर लिया गया है। 66 वर्षीय धनखड़ जी ने कहा कि वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
धनखड़ जी का राजनीतिक सफर
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- जन्म: 18 मई 1951, राजस्थान के झुंझुनू जिले में
- शिक्षा: राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई
- व्यवसाय: सुप्रीम कोर्ट में वकालत का अभ्यास
राजनीतिक यात्रा
- 1989-1991: लोकसभा सांसद (झुंझुनू से)
- 2019-2022: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
- 11 अगस्त 2022: भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने
- राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य किया
संवैधानिक प्रक्रिया: अब क्या होगा?
तत्काल व्यवस्था
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद राज्यसभा की अध्यक्षता की जिम्मेदारी उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह को सौंपी जाएगी।
नए उपराष्ट्रपति का चुनाव
संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के अनुसार:
- जल्द से जल्द नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराना होगा
- चुनाव प्रक्रिया में संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेंगे
- राज्यसभा के सदस्यों का वोट अधिक महत्वपूर्ण होगा
ऐतिहासिक महत्व
धनखड़ जी भारत के इतिहास में तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना इस्तीफा दिया है। इससे पहले:
- डॉ. एस. राधाकृष्णन (1967)
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (स्वास्थ्य कारणों से, 2002)
राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
राजनीतिक दलों की राय
- भाजपा: धनखड़ जी के निर्णय का सम्मान, स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं
- कांग्रेस: संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करने की मांग
- क्षेत्रीय दल: जल्द चुनाव कराने पर जोर
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने धनखड़ जी के स्वास्थ्य के लिए चिंता जताई है और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव
राज्यसभा पर प्रभाव
- विपक्षी दलों को नई रणनीति बनानी होगी
- सत्तारूढ़ दल को अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर
चुनावी गणित
नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में:
- भाजपा और सहयोगी दलों का स्पष्ट बहुमत
- विपक्षी एकजुटता की परीक्षा
विशेषज्ञों की राय
संवैधानिक विशेषज्ञ प्रो. सुभाष कश्यप के अनुसार, “यह दुर्लभ स्थिति है जब उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया हो। संविधान में इसकी स्पष्ट व्यवस्था है।”
आगे का रोडमैप
तत्काल कार्य
- राज्यसभा की कार्यवाही जारी रखना
- चुनाव आयोग को अवगत कराना
- चुनाव की तारीख तय करना
दीर्घकालिक प्रभाव
- संसदीय प्रक्रियाओं में निरंतरता
- संवैधानिक संस्थानों की मजबूती
- लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान
जगदीप धनखड़ जी का इस्तीफा भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का निर्णय सराहनीय है। अब देश जल्द से जल्द नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रतीक्षा में है।
डिस्क्लेमर: यह समाचार तथ्यपरक जानकारी पर आधारित है।
स्रोत: आधिकारिक सरकारी बयान, संसदीय कार्यालय, संवैधानिक विशेषज्ञ