एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट और विवाद

एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश: WSJ की हालिया रिपोर्ट ने सनसनी फैलाई जब उसने दावा किया कि एयर इंडिया फ्लाइट 171 के कॉकपिट रिकॉर्डिंग्स में कथित तौर पर कप्तान सुमीत सभरवाल द्वारा इंजन का फ्यूल स्विच ऑफ किया गया। रिपोर्ट में पायलट और सह-पायलट के बीच की बातचीत के अंश शामिल हैं, जिसने दुर्घटना की वजह पर सवाल उठाए।

CVR डायलॉग अंश:

फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंडर ने सवाल किया: “आपने फ्यूल स्विच ‘कटऑफ’ पोजिशन पर क्यों डाल दिया?”
कप्तान ने उत्तर दिया: “मैंने ऐसा नहीं किया।”

यह अंश उड़ान के तकनीकी पहलुओं पर गंभीर सवाल उठाता है, हालांकि इसकी पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं हुई है।

एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश – AAIB का रुख

भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने WSJ के दावे को “अनिर्णायक और असंवेदनशील” कहकर खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल “क्या हुआ” का विवरण होता है, जबकि “क्यों हुआ” की जानकारी अंतिम रिपोर्ट में दी जाती है।

AAIB प्रमुख GVG युगंधर ने स्पष्ट किया:

“ICAO नियमों के अनुसार कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग सार्वजनिक नहीं की जाती।”

इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं की संवेदनशीलता और गोपनीयता बनाए रखना है।

एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश – दुर्घटना की जानकारी

विस्तृत विवरण:

दुर्घटना का स्थान: अहमदाबाद हवाई अड्डे से लगभग 15 किलोमीटर दूर एक ग्रामीण क्षेत्र।

मौसम की स्थिति: टेकऑफ के समय मौसम साफ था, लेकिन हल्की हवा चल रही थी।

तकनीकी पहलू: प्रारंभिक जांच में पाया गया कि इंजन में अचानक शक्ति का नुकसान हुआ।

यात्रियों की संख्या: विमान में कुल 180 यात्री और 8 क्रू सदस्य सवार थे।

बचाव कार्य: स्थानीय प्रशासन और बचाव दल ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया।

प्रभाव: दुर्घटना के कारण 120 लोगों की मृत्यु हुई और 50 से अधिक घायल हुए।

जांच की स्थिति: AAIB और DGCA ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की है।

अंतरराष्ट्रीय नियम और प्रोटोकॉल

ICAO यानी इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के नियम 5.12 के अनुसार:

कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग्स और अन्य जांच डेटा केवल जांच के उद्देश्य से प्रयोग में लाया जाना चाहिए। सदस्य देश चाहें तो जनहित में कुछ जानकारी साझा कर सकते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान:

गोपनीयता बनाए रखना: कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग्स को सार्वजनिक न करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पायलट और क्रू बिना किसी दबाव के काम कर सकें।

सुरक्षा सिफारिशें: दुर्घटना के बाद की गई जांच का मुख्य उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा सिफारिशें देना है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: सदस्य देशों के बीच डेटा और जानकारी का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना ताकि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।

भारत में लागू नियम:

भारत में DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और AAIB (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) ICAO के इन नियमों का पालन करते हैं।

DGCA: यह सुनिश्चित करता है कि सभी विमानन गतिविधियां सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों।

AAIB: दुर्घटनाओं की जांच करता है और सुरक्षा सिफारिशें जारी करता है।

फिलहाल भारत सरकार ने WSJ की रिपोर्ट को “चयनित और अप्रमाणित रिपोर्टिंग” कहा है।

एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश: विमानन विशेषज्ञों की राय क्या है?

  • मार्क मार्टिन (मार्टिन कंसल्टिंग):
    उन्होंने पूरे CVR ट्रांसक्रिप्ट को सार्वजनिक करने की वकालत की ताकि अटकलों को रोका जा सके।
  • सीएस रंधावा (फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स):
    AAIB से प्रारंभिक रिपोर्ट में ही कुछ अहम विवरण साझा करने की मांग की गई ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

भावनाओं का सम्मान और मीडिया से अपील

दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवारों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए:

  • AAIB और भारतीय पायलट संघ ने मीडिया से अनुमान लगाने से परहेज़ करने की अपील की है
  • जांच प्रक्रिया को बिना दबाव के पूरा होने देने की बात कही गई है

एयर इंडिया-171 फ्लाइट क्रैश: आगे क्या कार्रवाई होगी?

  • पूर्ण जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है
  • फिलहाल कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है
  • AAIB गहराई से रूट कॉज एनालिसिस करेगा और तकनीकी पहलुओं की विस्तार से समीक्षा होगी

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✍️ यह लेख News Ka Store की संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया है। हमारा उद्देश्य आपको निष्पक्ष, सटीक और उपयोगी जानकारी देना है।

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