वाराणसी में बाढ़ का कहर: उत्तर भारत में लगातार बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे गंभीर असर वाराणसी में देखने को मिल रहा है, जहां गंगा नदी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और सभी 84 घाट पूरी तरह डूब चुके हैं।
वाराणसी की स्थिति
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में 0.7 मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। शहर के सभी निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं जिससे आम जनजीवन और धार्मिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
गंगा नदी का वर्तमान जलस्तर 68.94 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर (70.262 मीटर) से थोड़ा नीचे है।
प्रभावित घाटों में मणिकर्णिका घाट समेत सभी प्रमुख घाट शामिल हैं। प्रशासन ने जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए ललितपुर स्थित माताटीला डैम के 18 और गोविंद सागर डैम के 8 गेट खोल दिए हैं।
बलिया
बलिया ज़िले में गंगा का जलस्तर 68.95 मीटर तक पहुंचा जो खतरे के निशान (70.26 मीटर) से थोड़ा कम है। लेकिन इससे पहले, गंगा नदी की एक सहायक नदी वरुणा में पानी भर जाने के कारण पुलकोहना, सलारपुर समेत कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
प्रयागराज
प्रयागराज में भी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से शहर के निचले इलाकों में पानी घुस चुका है। यहाँ स्थित प्रसिद्ध बड़े हनुमान मंदिर में भी गंगा का पानी पहुंच गया है।
संभल जिला
संभल में गंगा का जलस्तर 177.60 मीटर पर पहुँच गया है, जिससे 36 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। डीएम डॉ. राजेन्द्र पेन्सिया ने बताया कि जिले में बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत और बचाव कार्य जारी है।
ज़िलावार बाढ़ अलर्ट (अद्यतन डेटा)
- वाराणसी: चेतावनी स्तर – 70.262 मीटर | खतरे का स्तर – 71.262 मीटर | वर्तमान – 68.94 मीटर
- मिर्ज़ापुर: चेतावनी स्तर – 76.724 मीटर | खतरे का स्तर – 77.724 मीटर | वर्तमान – 74.48 मीटर
- गाज़ीपुर: चेतावनी स्तर – 62.105 मीटर | खतरे का स्तर – 63.105 मीटर | वर्तमान – 61.99 मीटर
- बलिया: चेतावनी स्तर – 56.615 मीटर | खतरे का स्तर – 57.615 मीटर | वर्तमान – 58.12 मीटर
गंगा नदी के जलस्तर में तेज़ वृद्धि के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ी से चलाए जा रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।