वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में अन्नू रानी की शानदार जीत

मुख्य बिंदु – Key Highlights

भारत की स्टार जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में वर्ल्ड एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर ब्रॉन्ज मीट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 62.01 मीटर के थ्रो के साथ खिताब अपने नाम किया। यह जीत उन्हें सितंबर में होने वाली टोक्यो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए बेहतर तैयारी प्रदान करेगी।

पोलैंड की सफलता के बाद भारत में जीत

हाल की उपलब्धियां

अन्नू रानी पिछले हफ्ते पोलैंड के Szczecin में आयोजित 8वीं इंटरनेशनल Wieslaw Maniak मेमोरियल मीट में 62.59 मीटर के थ्रो के साथ विजयी बनी थीं। यह उनका एक साल से अधिक समय बाद पहला 60 मीटर से अधिक का थ्रो था, जिसने उनके आत्मविश्वास को काफी बढ़ाया था।

थकान के बावजूद शानदार प्रदर्शन

पोलैंड से वापसी के बाद यात्रा की थकान के बावजूद, अन्नू ने भुवनेश्वर में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि “पोलैंड से वापस आने के बाद काफी थकान थी, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि इसके बावजूद मैं दो बार 60 मीटर की सीमा पार कर सकी।”

प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण

थ्रो का क्रमवार विवरण

पहला प्रयास: 52.74 मीटर (वार्म-अप थ्रो) दूसरा प्रयास: 58.65 मीटर (सुधार की शुरुआत)
तीसरा प्रयास: 58.39 मीटर (स्थिर प्रदर्शन) चौथा प्रयास: 62.01 मीटर (विजयी थ्रो) पांचवां प्रयास: 61.01 मीटर (दूसरी बार 60m+ पार) छठा प्रयास: 59.02 मीटर (अंतिम थ्रो)

भीड़ का समर्थन

कलिंगा स्टेडियम में उमड़ी भीड़ का जोशीला समर्थन अन्नू रानी के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी इतना आनंद लेकर प्रतिस्पर्धा नहीं की है जितनी यहां की। कभी-कभी मुझे थोड़ा दबाव महसूस हो रहा था, लेकिन सभी लोगों से मिला प्यार अंततः मेरी मदद करने वाला साबित हुआ।”

तकनीकी सुधार की योजना

मुख्य फोकस एरिया

अन्नू रानी ने दो मुख्य तकनीकी पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया:

1. एंगल कंट्रोल: “जब भी मैं जेवलिन फेंकती हूं, यह आमतौर पर हाई एंगल पर होता है, इसलिए मुझे इसे फ्रंट ऑन रखना होगा।”

2. रन-अप सुधार: “मुझे अपने रन-अप को तेज़ और स्मूथ बनाना होगा।”

कोच की भूमिका

उनके रूसी कोच सर्गेई मकारोव वीज़ा समस्याओं के कारण यूरोप में उनके साथ नहीं हो सके, लेकिन भुवनेश्वर में उनकी उपस्थिति ने अन्नू के प्रदर्शन में सकारात्मक प्रभाव डाला। कोच ने हर थ्रो के बीच उनसे बात की और उन्हें शांत रहने की सलाह दी।

वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी

टोक्यो के लक्ष्य

यह अन्नू रानी की पांचवीं वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप होगी। उनका वर्तमान व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 63.82 मीटर है, लेकिन वे टोक्यो में 64-65 मीटर के थ्रो का लक्ष्य रख रही हैं।

रेस्ट और रिकवरी प्लान

सितंबर में होने वाली बड़ी प्रतियोगिता से पहले आराम पाने के लिए अन्नू इंटर-स्टेट नेशनल्स में हिस्सा नहीं लेंगी। यह उनके लिए एक व्यस्त सीजन रहा है।

इस सीजन की उपलब्धियां

अंतर्राष्ट्रीय सफलताएं

  • पोलैंड विजय: 62.59 मीटर के साथ खिताब
  • भुवनेश्वर विजय: 62.01 मीटर के साथ जीत
  • ताइवान एथलेटिक्स ओपन: 56.82 मीटर के साथ विजयी

एशियाई चैंपियनशिप का अनुभव

एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 58.30 मीटर के थ्रो के बावजूद वे पोडियम से चूक गईं, जो उनके लिए एक सीखने का अनुभव था।

यूरोपीय ट्रेनिंग का फायदा

तीन सप्ताह की विशेष तैयारी

अन्नू ने वर्ल्ड चैंपियनशिप की बेहतर तैयारी के लिए यूरोप में लगभग तीन सप्ताह का प्रशिक्षण लिया। इस दौरान उन्होंने जर्मन जेवलिन थ्रोअर Johannes Vetter के साथ भी प्रशिक्षण लिया।

भविष्य की रणनीति

64 मीटर का टारगेट

64 मीटर की ऑटोमेटिक वर्ल्ड क्वालिफाइंग मार्क को हासिल करना अन्नू का तत्काल लक्ष्य है। भुवनेश्वर में उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की, हालांकि वे इस बार इस निशान तक नहीं पहुंच सकीं।

मानसिक तैयारी का महत्व

अपने कोच की सलाह पर अन्नू ने बताया कि वे कभी-कभी बहुत आक्रामक हो जाती हैं और थ्रो पर ध्यान नहीं दे पातीं। इसके लिए शांत रहना और रिलैक्स करना जरूरी है।

एशियाई गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट की यात्रा

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अन्नू रानी का सफर प्रेरणादायक है। 32 वर्षीय एथलीट अब अपने करियर के सबसे महत्वपूर्ण चरण में हैं और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए पदक का सपना देख रही हैं।

भुवनेश्वर में अन्नू रानी की यह जीत न केवल उनके तकनीकी सुधार को दर्शाती है, बल्कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय एथलेटिक्स की उम्मीदों को भी बढ़ाती है। घरेलू मैदान पर मिले इस प्रोत्साहन से वे टोक्यो में और भी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित हैं।


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✍️ यह लेख News Ka Store की संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया है। हमारा उद्देश्य आपको निष्पक्ष, सटीक और उपयोगी जानकारी देना है।

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